ना पूछो मेरी मंजिल कहा है, अभी तो सफर का इरादा किया है,
हौसला ना हारा है ना हारूंगी, मेरे सपनो से मैने यह वादा किया है।
कभी ना टूटने वाले ऐसे ही हौसले के साथ पड़रा, उत्तर प्रदेश की छात्रा अदिति ने भी कोटा आकर अपनी मंजिल की ओर पहला कदम बढ़ाया। अदिति वैसे तो बहुत होनहार है लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के कारण उसने कभी सोचा ही नहीं की वो भी कोटा आकर अपने इंजीनियर बनने के सपने को उड़ान दे सकती है। अदिति ऐसे गांव की रहने वाली है जहाँ ना तो पढाई को इतना महत्व दिया जाता था ना ही वहां उपयुक्त संसाधन थे। वह गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ने जाती थी, उसकी मम्मी उसे पढ़ाती थी और एक गाइड की मदद से जवाहर नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा की तैयारी करवाती थी। उसकी पढ़ने को लेकर लगन के चलते उसका सलेक्शन जवाहर नवोदय में हो गया। 6th क्लास में उसने वहाँ एडमिशन ले लिया और इसके साथ ही अदिति को अपनी मंजिल प्राप्त करने की राह मिल गयी। लेकिन कुछ ही समय बाद कैंसर की वजह से उसकी माँ का देहांत हो गया और फिर से अदिति के परिवार के ऊपर मुसीबतो का पहाड़ टूट पड़ा। उसके परिवार में उसके पिता और एक छोटा भाई है। घर और भाई को संभालने के लिए सभी ने उससे पढ़ाई छोड़कर वही रहने को कहा, लेकिन अदिति के पिता ने उसे सिर्फ अपनी पढाई पर ध्यान केंद्रित करने को कहा । उसने 12 वी कक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय से उत्तीर्ण की।
विद्यालय में होने वाली मोशन टैलेंट सर्च एग्जाम में अदिति के अच्छे अंक आये और उसे स्कॉलरशिप भी मिली। लेकिन अदिति ने अपने पिता की आर्थिक स्थिति को समझते हुए कोटा आकर कोचिंग करने का इरादा छोड़ दिया और पास के किसी कॉलेज से बीऐससी करने का मन बना लिया। लेकिन उसके पिताजी उसकी क्षमताओं को पहचानते थे और वे चाहते थे की उनकी बेटी अपनी काबिलियत से स्वयं का सपना पूरा करे, इसलिए उसकी पढ़ाई के लिए उन्होंने अपनी जमीन बेच दी और कोटा भेजने का फैसला कर लिया। यहाँ आकर अदिति ने मोशन में एडमिशन ले लिया चूँकि उसे स्कॉलरशिप भी मिली थी तो यह आर्थिक रूप से भी उसके अनुरूप था।
अदिति को शुरूआती वक्त में बहुत परेशानी आयी क्योंकि उसके लिए बहुत कुछ नया था लेकिन धीरे धीरे टीचर्स के सपोर्ट और प्रेरणा की वजह से उसने पकड़ मजबूत की। पिछले वर्ष अदिति के जेईई मेन में 46 परसेंटाइल थी किन्तु इस वर्ष जेईई मेन 2020 में अदिति के 88.5 परसेंटाइल आयी है जो कि उसके पिछले वर्ष के परिणामों का दुगुना है।
अदिति का कहना है की उसकी प्रेरणा के स्रोत एन वी सर है जिन्होंने हर समय उसे प्रेरित किया, वह कहती है की अगर मोशन के टीचर्स का इतना सपोर्ट नहीं मिलता तो वह काफी पहले ही कोटा छोड़ चुकी होती। (मोशन की यही खासियत तो मोशन को बाकि संस्थानों से खास बनाती है।)
वह कहती है यदि आज में अपने आप में इतना बड़ा परिवर्तन और पढाई में सुधार ला पायी हूँ तो वो सिर्फ मोशन की वजह से है। साथ ही अदिति को अपने पिता द्वारा उसकी पढ़ाई के लिए किये गए त्याग भी बहुत प्रेरित करते है। अदिति का सपना अब एक अच्छा इंजीनियर बन अपने पिता का सपोर्ट करना और अपने भाई को अच्छी शिक्षा देना बन गया है।
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